The Gita – Chapter 11 – Shloka 49
The Gita – Chapter 11 – Shloka 49
Shloka 49
Dear Arjuna, although you have seen the true and fearful form of My Greatness, you should not fear nor feel frightened of Me. I shall now show you my friendly and pleasant form once more. Look upon it without fear and with a glad heart.
मेरे इस प्रकार के इस विकराल रूप को देख कर तुझको व्याकुलता नहीं होनी चाहिये और मूढ़ भाव भी नहीं होना चाहिये । तू भय रहित और प्रीति युक्त्त मन वाला होकर उसी मेरे इस शंख-चक्र-गदा-पद्मयुक्त चतुर्भुज रूप को फिर देख ।। ४९ ।।