The Gita – Chapter 2 – Shloka 39
The Gita – Chapter 2 – Shloka 39
Shloka 39
O ARJUNA, you already have been presented knowledge. Now you must put this knowledge to practical use O ARJUNA, with selfless
KARMYOGA, O ARJUNA, by doing your duty and leaving the results of your actions to the Lord, you will break the bonds of KARMA.
हे पार्थ ! यह बुद्भि तेरे लिये ज्ञानयोग के विषय में कही गयी और अब तू इसको कर्मयोग के विषय में सुन —– जिस बुद्धि से युक्त्त हुआ तू कर्मों के बन्धन को भलीभाँति त्याग देगा अर्थात् सर्वथा नष्ट कर डालेगा ।। ३९ ।।