The Gita – Chapter 10 – Shloka 34
Shloka 34
The Gita – Chapter 10 – Shloka 34
I am death that carries off all things, and I am the source of things to come. Of feminine nouns I am Fame and Prosperity; speech, Memory and Intelligence, Constancy and Forgiveness.
मैं सबका नाश करने वाला मृत्यु और उत्पन्न होने वालों का उत्पति हेतु हूँ तथा स्त्रियों में कीर्ति,श्री,वाक् स्मृति, मेधा,धृति और क्षमा हूँ ।। ३४ ।।