The Gita – Chapter 11 – Shloka 13
The Gita – Chapter 11 – Shloka 13
Shloka 13
Here, the Pandava (Arjuna) saw the whole universe in its several dimensions and varieties all gathered together in the Supreme Lord of Lords.
पाण्डु पुत्र अर्जुन ने उस समय अनेक प्रकार से विभक्त्त अर्थात् पृथक्-पृथक् सम्पूर्ण जगत् को देवों के देव श्रीकृष्ण भगवान् के उस शरीर में एक जगह स्थित देखा ।। ।।