The Gita – Chapter 13 – Shloka 23
The Gita – Chapter 13 – Shloka 23
Shloka 23
He who thus knows the Soul and Nature with the qualities, he is never born again regardless of the conditions he lives in.
इस प्रकार पुरुषों को और गुणों के सहित प्रकृति को जो मनुष्य तत्व से जानता है, वह सब प्रकार से कर्तव्य कर्म करता हुआ भी फिर नहीं जन्मता ।। २३ ।।