TheGita – Chapter 13 – Shloka 34

The Gita – Chapter 13 – Shloka 34

The Gita – Chapter 13 – Shloka 34
Bhagwad Geeta 13-34- TheGita.net

The Gita – Chapter 13 – Shloka 34

Shloka 34

They who know through the eye of intuition, this distinction between the field and its knower and also perceive the liberation from the Nature of being, go to the Supreme.

इस प्रकार क्षेत्र और क्षेत्रज्ञ के भेद को कार्य सहित तथा प्रकृति से मुक्त्त होने को जो पुरुष ज्ञान नेत्रों द्वारा तत्व से जानते हैं, वे महात्मा जन परम ब्रह्म परमात्मा को प्राप्त होते हैं ।। ३४ ।।


 

Ksetra–Ksetrajna Vibhaga yoga -13

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