The Gita – Chapter 4 – Shloka 36
The Gita – Chapter 4 – Shloka 36
Shloka 36
O Arjuna, even if you are the greatest sinner in the world, this river of sins can be crossed with the boat of Gyan.
यदि तू अन्य सब पापियों से भी अधिक पाप करने वाला है, तो भी तू ज्ञान रूप नौका द्वारा नि:संदेह सम्पूर्ण पाप समुद्र से भली भाँति तर जायगा ।। ३६ ।।