The Gita – Chapter 5 – Shloka 11
The Gita – Chapter 5 – Shloka 11
Shloka 11
O Arjuna, Yogis purify their souls by abolishing any feelings of attachment within themselves by performing Karma through mind, body, intellect, and senses.
कर्मयोगी ममत्व बुद्भि रहित केवल इन्द्रिय, मन, बुद्भि और शरीर द्वारा भी आसक्त्ति को त्याग कर अन्त:करण की शुद्भि के लिये कर्म करते हैं ।। ११ ।।